Monday, July 5, 2010

हिजाब बांधने के कुछ तरीके Anjum Sheikh

कुछ दिन पहले मैंने एक दिलचस्प कहानी से आपको रु-बरु करवाया था -


"एक बहुत ही दिलचस्प कहानी, एक दोस्त के द्वारा हिजाब पर एक चर्चा"


"मैं बहुत थक गई हूँ"
"किस बात से थक गई हो?"
"इन सभी लोगों से जो मुझे राय देते हैं"
"कौन राय देता है?"
"वह औरत हर बार जब भी मैं उसके साथ बैठती हूँ, वह मुझे हिजाब पहनने के लिए कहती है."
"ओह, हिजाब और संगीत! यह तो सभी विषयों की माँ है! "
"हाँ! मैं हिजाब के बिना संगीत सुनती हूँ ... हा हा हा! "
"हो सकता है वह सिर्फ आपको सलाह दे रही हो."
"मुझे उसकी सलाह की जरूरत नहीं है. मैं अपने धर्म को जानती हूँ. वह अपने खुद के काम में मन नहीं लगा सकती है?" ............................. पूरा पढने के लिए क्लिक करें.





हिजाब बांधने के कुछ तरीके

अब बात करते हैं हिजाब बांधने के कुछ तरीकों की, नीचे कुछ पिक्चर्स हैं, जिन्हें देखकर हिजाब पहना जा सकता है, मतलब पर्दा किया जा सकता है.

अक्सर लोग परदे को घृणा के दृष्टि से देखते हैं, हालाँकि हर धर्म और देश में इसे मान्यता प्राप्त है, केवल कुछ जंगली प्रजातियाँ ही शरीर का पर्दा नहीं करती हैं, वर्ना सभी सभ्यताओं में इसे उचित स्थान प्राप्त था. हमारे देश हिन्दुस्तान की भी यही तहज़ीब रही है, और शरीर को दिखने की यहाँ कभी भी प्रथा नहीं रही. हिजाब, ना केवल शरीर को बल्कि बालों को भी तहज़ीब के साथ अच्छी तरह ढकता है.

अक्सर नए ज़माने को बरतरी देने वाली लड़कियां इससे नफरत करती हैं, लेकिन धूप और धूल से बचने के लिए ना केवल हिजाब बल्कि निकाब भी पहनती नज़र आती हैं. हालाँकि धर्मों में भी इन्ही वजहों से हिजाब तथा निकाब का चलन है, तथा यह इसके साथ-साथ बुरी नज़रों से भी बचाता है. और कतई ज़रूरी नहीं की अपने लक्ष्य अर्थात घर पहुँचने के बाद भी इसे पहना जाए.





[टेनिस खिलाडी सानिया मिर्ज़ा हिजाब पहने हुए]

23 comments:

  1. कैसी हो अंजुम? परदे के ऊपर अच्छा विवरण लिखा तुमने.

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  3. वाह क्या लिखा है. आप बहुत कमाल का लिखती हो अंजुम जी.

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  4. और यह सानिया मिर्ज़ा का फोटो तो वाकई कमाल का है... क्या यह शादी के बाद का है? क्योंकि शादी के पहले तो हमने इन्हें बिना कपड़ो.... मेरा मतलब बहुत कम कपड़ो में ही देखा है. :)

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  5. पर्दा ईश्वर के प्रति समर्पण का ऐलान है । पर्दा औरत और मर्द दोनों के लिए है । अंतर केवल यह है कि दोनों के लिए प्रावधान उनके शरीर की बनावट के हिसाब से है ।

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  6. बहुत-बहुत शुक्रिया अनवर जी, संगीता जी और MLA ji.

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  7. "बढ़िया पोस्ट..."

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  8. अंजुम साहिबा,
    माशाल्लाह ,सरल भाषा में बहुत ही सुंदर लेख.
    डा० अनवर साहब की बात से सहमत हूँ,
    जिसे अपने अल्लाह की रज़ा चाहिए उसके लिए कुछ भी मुश्किल नही.

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  9. काफ़ी दिन के बाद अपने ब्लॉग लिखा है, सब ख़ैरियत तो है?

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  10. nice बहना, post पर मुझे बस यही है कहना

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  11. आप का बात कहने का अंदाज़ अच्छा है.
    मेंने वन्देमातरम पर कुछ इज़हारे ख्याल किया है देखने की ज़हमत फरमाएं तो ममनून होऊंगा.

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  12. Nice बहना, बस यही, इस post पर है कहना

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  13. सरल भाषा में बहुत ही सुंदर लेख.

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  14. अक्सर लोग परदे को घृणा के दृष्टि से देखते हैं, हालाँकि हर धर्म और देश में इसे मान्यता प्राप्त है, केवल कुछ जंगली प्रजातियाँ ही बदन का पर्दा नहीं करती हैं
    I agree

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  15. Sania is looking very impressive in Hizab

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  16. अच्छी जानकारी...आभार.

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  17. वर्ना सभी सभ्यताओं में इसे उचित स्थान प्राप्त था. हमारे देश हिन्दुस्तान की भी यही तहज़ीब रही है, और शरीर को दिखने की यहाँ कभी भी प्रथा नहीं रही. wahah keya kehena hai verygood

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  18. बहोत आच्छी बात लिखी है आप ने .. बहोत -बहोत मुबारकबाद आपको ..हमारी दुवा है की आप इसी तरह लिखती राहें और कामयाबी हासिल करें ii

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  19. अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....

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